मण्डलायुक्त ने की जनपदों में हुए विकास कार्यों की समीक्षा, दिए निर्देश
निर्देश दिया है कि सभी मण्डलीय अधिकारी अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित कार्यों के प्रगति की प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करना सुनिश्चित करें। जहॉं फीडिंग में विसंगति हो उसे दुरुस्त करायें। इसी क्रम में उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारियों से कहा कि हर माह की 25 से 30 तरीख के बीच सभी विभागों की समीक्षा अवश्य करें। मण्डलायुक्त श्री चौहान मंगलवार को अपने कार्यालय सभागार में मुख्यमन्त्री डैशबोर्ड के आधार पर जनपदों में हुए विकास कार्यो की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विद्युत विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य अभियन्ता, विद्युत को निर्देश दिया कि खराब ट्रान्सफार्मरों को निर्धारित समय सीमा के अन्दर अनिवार्य रूप से बदलना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने तीनों जिलाधिकारियों से कहा कि जनपद में खराब ट्रान्सफार्मरों के बदलने की स्थिति का निरन्तर जायजा लेते रहें। प्रधानमन्त्री आवास योजना की समीक्षा में तीनों जनपदों की प्रगति अच्छी पाई गयी। मण्डलायुक्त ने ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के कार्यों की समीक्षा में पाया कि भवन निर्माण में आजमगढ़ में लक्ष्य 14 के सापेक्ष सभी 14 कार्य पूर्ण हैं, परन्तु जनपद मऊ में 8 भवन निर्माण लक्ष्य के सापेक्ष 4 पूर्ण हैं, जबकि बलिया में 105 के सापेक्ष 83 पूर्ण हैं। उन्होंने मऊ एवं बलिया के मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस ओर विशेष ध्यान देकर शत प्रतिशत भवन निर्माण का कार्य पूर्ण करायें। इसी प्रकार सड़क निर्माण कार्य की समीक्षा में जनपद आजमगढ़ की प्रगति अच्छी पाई गयी, परन्तु जनपद बलिया में लक्षित 258 कार्यों के सापेक्ष 192 एवं मऊ में 75 कार्यों के सापेक्ष 54 कार्य पूर्ण हुए हैं। मण्डलायुक्त ने इस सम्बन्ध में बलिया एवं मऊ के सीडीओ तथा अधीक्षण अभियन्ता, ग्रामीण अभियन्त्रण को निर्देश दिया कि दोनों जनपदों में छोटे छोटे कार्य ही अवशेष हैं, इसलिए इस ओर तत्काल ध्यान देकर कार्य पूर्ण करायें तथा लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाना सुनिश्चित करें।
मण्डलायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट निरन्तर क्रियाशील रहनी चाहिए। उन्होंने बैठक में उपस्थित जिला मण्डलीय चिकित्सालय के अधीक्षक को निर्देशित किया कि मोबाइल मेडिकल यूनिट के पहुंचने की जानकारी आम लोगों को होनी चाहिए तथा इसके लिए शेड्यूल भी होना चाहिए, ताकि आमजन को इसका समुचित लाभ मिल सके। कहा कि जिला अस्पतालों में स्थापित मशीनें आमजन की सुविधा के दृष्टिगत अत्यन्त महत्पूर्ण हैं, इसलिए मशीनों के खराब होने की शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों से कहा कि स्थापित मशीनों की नियमित रूप से समीक्षा करें, जो भी मशीनें खराब हैं उसे तत्काल ठीक कराने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करें। मण्डलायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मोबाईल मेडिकल यूनिट बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, बाजारों, मेलों आदि अवसरों पर अवश्य पहुंचना चाहिए। उन्होंने आपरेशन कायाकल्प की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत कार्य बहुत कम बचे हैं, इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देकर कार्यों को पूरा कराया जाय। पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि पशुओं का टीकाकरण समय से शत प्रतिशत पूरा किया जाय। उन्होंने अपर निदेशक, पशुपालन को निर्देशित किया कि गो आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित गोवंश के समुचित इलाज और चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाय, किसी भी दशा में चारे की कमी के कारण, समुचित इलाज के अभाव में अथवा अव्यवस्था के कारण किसी गोवंश की मृत्यु नहीं होनी चाहिए। बैठक में जल जीवन मिशन, व्यक्तिगत शौचालय निर्माण, स्वच्छ भारत मिशन फेज-2, शादी अनुदान, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक वनीकरण आदि के सम्बन्ध में विस्तार से समीक्षा की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी आजमगढ़ विशाल भारद्वाज, जिलाधिकारी बलिया प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी मऊ प्रवीण कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी बलिया ओजस्वी राज, मुख्य विकास अधिकारी मऊ प्रशान्त नागर, अपर आयुक्त-प्रशासन केके अवस्थी, संयुक्त विकास आयुक्त धर्मेन्द्र पताप सिंह, जिला विकास अधिकारी आजमगढ़ संजय कुमार सिंह, मण्डलीय अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव व हेमन्त कुमार, मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग योगन्द्र सिंह, मुख्य अभियन्ता विद्युत सहित अन्य विभागों के मण्डलीय अधिकारी रहे।