नरही थाना के वसूली रैकेट मे शामिल लोगों की धर पकड़ जारी, कई हिरासत में, चौराहा पर हलचल तेज
नरही थाना के वसूली रैकेट मे शामिल लोगों की धर पकड़ जारी, कई हिरासत में, चौराहा पर हलचल तेज
बलिया। नरही थाना के चर्चित यूपी बिहार की सीमा स्थित भरौली चौराहा पर एडीजी वाराणसी व डीआईजी आजमगढ़ ने तीन दिनों पहले रात करीब दो बजे छापेमारी की। अधिकारियों ने यह कार्रवाई शराब, पशु तस्करी, लाल बालू तस्करी आदि की जरिए अवैध वसूली की शिकायत पर की थी। मौके से अधिकारियों ने दो पुलिसकर्मी समेत 18 को गिरफ्तार किया। इस मामले में नरही थाना प्रभारी पन्नेलाल, कोरंटाडीह चौकी प्रभारी राजेश प्रभाकर, थाना के हेड कांस्टेबल व चार पुलिसकर्मियों समेत कुल 22 लोगों पर नरही थाना पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस प्रकरण की विवेचना एएसपी आजमगढ़ शुभम अग्रवाल कर रहे हैं। शनिवार से ही भरौली चौराहा पर लखनऊ नम्बर वाहनों से आई पुलिस लगातार चक्रमण कर रही है। पुलिस की टीम छापा के दौरान पकड़े गए रजिस्टर में अंकित नामो के आधार पर उनके घरों पर दस्तक दे रही है। रविवार को टीम भरौली गांव के प्रधान व पूर्व प्रधान से भी जानकारी ली। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस अब तक पांच से अधिक लोगों को साथ ले गई है। हालांकि अधिकांश लोग अंडरग्राउंड हो चुके हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस के रडार पर 10 से 12 लोग हैं जो पुलिस से मिलीभगत कर अवैध वसूली में लिप्त थे। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि यह तो केवल छोटी मछलियां हैं। बड़ी मछली तो पुलिस विभाग के अधिकारी हैं जिनके शह पर यह सारा खेल चल रहा था।
डेढ़ वर्ष में कई शिकायत, लेकिन पुलिस के आला अफसर मामले को दबाते रहे
बलिया। नरही थाना के प्रभारी की देखरेख में चल रही वसूली की जानकारी सभी आला अफसरों तक पहुंची लेकिन जांच के नाम पर मामले को हर बार दबाते रहे और अवैध वसूली का कुनबा बढ़ता रहा। करीब 15 माह पहले भरौली गांव के भाजपा नेता ने एसपी से शिकायत की। इसकी जांच सीओ रसड़ा ने की लेकिन पूरा मामला दब गया। इसी गांव के निवासी व गड़हा विकास मंच के अध्यक्ष ने भी एसपी से करीब एक वर्ष पहले शिकायत की। कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने लखनउ जाकर पुलिस मुख्यालय में शिकायती पत्र दिया लेकिन आज तक कोई जांच नहीं हुई। अगर पुलिस के आला अफसर इसे संज्ञान लिए होते तो बहुत पहले ही यह अवैध वसूली बंद हो गई होती।