बलिया वसूली कांड: एक ओर छापा तो दूसरी ओर नरही पुलिस का खेल
बलिया वसूली कांड: एक ओर छापा तो दूसरी ओर नरही पुलिस का खेल
नहीं पकड़ाया यूपी व बिहार पुलिस का बड़ा दलाल
बलिया। जिले के नरही थाना वसूली कांड के खुलासा के बाद से ही पुलिस की टीम बड़े दलाल को पकड़ने में जुटी है। लगातार दबिश दे रही है लेकिन अबतक कोई बड़ा दलाल हत्थे नहीं चढ़ा है। उधर, एक ओर जहां पुलिस दलाल व तस्करों के पकड़ने की फिराक में है वहीं नरही थाना क्षेत्र के गंगा किनारे क्षेत्रों से तस्करी का खेल भी शुरू है। यह देख लोग अब वसूली कांड में कार्रवाई पर सवाल भी उठाने लगे हैं।
पुलिस टीम ने बक्सर के बड़े दलाल के सारिमपुर घर पर शनिवार की रात में दबिश दी लेकिन दलाल नहीं मिला। यह दलाल यूपी के नरही थाना के अलावा बिहार के बक्सर थाना की दलाली करता है। इस दलाल की महत्वपूर्ण भूमिका पशु तस्करी में है। यह दलाल नरही थाना और बक्सर के टाउन और औद्योगिक थाना की डिलिंग करता है। पुलिस टीम इस दलाल को पकड़ने के लिए प्रयासरत है लेकिन मिल नहीं रहा है। सूत्रों की मानें तो बक्सर जिले के दो थानों का संरक्षण इसे प्राप्त है। इतना ही नहीं नरहीं थाना क्षेत्र के भी बड़े दलालों को पुलिस अभी तक नहीं खोज सकी है। यहां के दलालों के परिजनों को उठाने के बाद भी पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। अब तो क्षेत्र के लोग पुलिस टीम पर ही सवालिया निशान लगा रहे हैं।
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तो क्या पन्नेलाल को बलि का बकरा बनाया गया
बलिया। तो क्या पन्नेलाल को बलि का बकरा बनाया गया। जिसमें एसपी और एएसपी को भी नपना पड़ा। जबकि आज भी नरही क्षेत्र में न तो तस्करी रुकी है और न ही पुलिस की वसूली। हां इतना जरूर है कि अब पुलिस ने भी वसूली का तरीका बदल दिया है।
बता दें कि 24 जुलाई को एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया एवं डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण की छापामारी ने पहली बार नरही थाने की अवैध धन उगाही पर चोट पहुंचाया था। नरही थाना एवं कोरंटाडीह पुलिस चौकी संस्पेड के कारण खाली हो गया। छापेमारी में भरौली बार्डर तथा कोरंटाडीह पुलिस चौकी पर वाहनों से अवैध वसूली का भंडाफोड़ किया था जिसमें मौके से 16 दलाल तथा दो पुलिस कर्मियों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस टीम ने कुछ बड़े दलालों को भी चिह्नित कर लिया लेकिन बड़े दलाल अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इसके बाद पशु तस्करी, शराब तस्करी पूरी तरह से बंद हो गया। हालांकि गंगा में बाढ़ का पानी भर जाने से अवैध खनन तो यूं ही बंद हो गया। लेकिन नरहीं थाना फिर पटरी पर लौटने लगा है। इसको लेकर सवाल खड़े होना लाजिमी है कि सिर्फ पन्नेलाल को बलि का बकरा बनाया गया।