बलिया में वसूली कांड पार्ट टू: इस बार एसओ सेफ क्यों, उठ रहे सवाल

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बलिया में वसूली कांड पार्ट टू: इस बार एसओ सेफ क्यों, उठ रहे सवाल

बलिया में नरही थाना के सिपाहियों द्वारा एक आरोपी के भाई को कमरे में बंद कर एक लाख वसूली को लेकर चार महीने बाद एक बार फिर मलाईदार थाना में शुमार नरही सुर्खियों में आ गया है। हालांकि इस मामले में एसपी का एक्शन रंग लाया। दो सिपाही सस्पेंड हुए, दोनों के साथ ही पैसे को खाते मे लेने व फिर ट्रान्सफर करने वाले तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ। एक सिपाही समेत कुल चार लोग गिरफ्तार हुए जबकि एक सिपाही फरार है। लेकिन एक सवाल अभी भी बना हुआ है कि घटना की जानकारी एसओ नरही को क्यों नहीं हुई या फिर सब कुछ उनकी जानकारी में हुआ। सूत्र तो बता रहे कि एसओ की जानकारी में ही थाने के एक एसआई व तीन सिपाहियों की वसूली गैंग के जिम्मे अधिक से अधिक वसूली थी। इनका संपर्क बिहार से लेकर थाना क्षेत्र के दलालों से है। बताया यह भी जाता है कि नरही पुलिस ने बिहार के बक्सर में एक दलाल को ट्रकों से वसूली करने का जिम्मा दिया है। यह सभी बिना वर्दी के बक्सर से लेकर थाना क्षेत्र में नदियों किनारे खनन करने वालों, शराब व पशु तस्करी करने वालों से संपर्क कर वसूली करते हैं। लिहाजा वसूली में थाना प्रभारी की अहम भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। एसओ नरही पहले भी एक अन्य थाना का प्रभारी रहते लाइनहाजिर हो चुके हैं। इतना ही नहीं आठ दिनों पहले भी एक मारपीट मामले लाखों का डील की बात सामने आ रही है। सवाल तो यह भी उठ रहा है कि पन्नेलाल के जमाने का सिपाही कैसे एसओ का खास बन गया।
उधर, चार माह पहले भी पुलिस अफसरों के छापा में भी मौक़े से सिपाही व दलाल पकड़े गए थे, लेकिन एसओ भी जेल गए तो इस बार अब तक एसओ नरही क्यों सेफ? या फिर एसपी कोई बड़ी कार्रवाई करेंगे।

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