बलिया: नरही पुलिस के एक लाख वसूली की जांच शुरू, देरशाम में एडीजी व डीआईजी भी पहुंचे थाने व चौराहा पर

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बलिया: नरही पुलिस के एक लाख वसूली की जांच शुरू, देरशाम में एडीजी व डीआईजी भी पहुंचे थाने व चौराहा पर

सीओ सदर ने जनसेवा केंद्र से डिटेल लिया कब्जे में

नरही वसूली कांड के खुलासा के बाद फिर वसूली ने पकड़ी रफ्तार, तरीका बदला

थानाध्यक्ष की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल

बलिया। नरही थाना के सिपाही द्वारा थाना क्षेत्र के भरौली निवासी एक आरोपी के भाई को कमरे में बंद कर एक लाख वसूली की खबर के बाद पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। मंगलवार को बलिया आए एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया व डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण देरशाम में नरही पहुंचे थाने पहुंचे। कुछ देर बाद दोनों आला अफसर भरौली चौराहा पहुंचे और ट्रक चालकों से पुलिस वसूली के बाबत जानकारी भी ली। बताया जाता है कि आरोपी सिपाही छुट्टी लेकर गायब है। सूत्रों के अनुसार आरोपी सिपाही थाने का कारखास है जो पन्नेलाल के कार्यकाल से ही थाने पर है। सिपाही पन्नेलाल से समय होने वाली वसूली व दलालों से परिचित है। अब नये एसओ ने वसूली की जिम्मेदारी इसी सिपाही को दी जो बिहार से लेकर थाना क्षेत्र के दलालों के माध्यम से रोजाना लाखों की वसूली का काम करता है। उधर, पीड़ित की ओर से एसपी से की शिकायत की जांच शुरू हो चुकी है। सीओ सदर श्यामकांत बुधवार को एसओ नरही सुनील चंद्र तिवारी के साथ भरौली स्थित उस जनसेवा केंद्र पर पहुंचे जिसके खाते में सिपाही ने पैसे मंगाये थे। केन्द्र संचालक संजय चौधरी ने स्वीकार किया कि सिपाही ने एक लाख भेजवाया था। बताया कि सिपाही को पांच हजार नगद दिया और एक हजार चार्ज लिया, शेष राशि को सिपाही के बताए खाते में भेज दिया। यह भी बताया कि जिसके खाते में पैसा गया है वह शिवम यादव का बता रहा है। सीओ ने जनसेवा केंद्र संचालक से लेन देन का पूरा ब्योरा लिया और निकल गए। इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
बता दें कि बीते 25 जुलाई को भरौली चौरहा पर एडीजी पीयूष मोर्डिंया एवं डीआईजी वैभव कृष्ण की संयुक्त छापामारी के बाद मौके से 16 दलाल दो पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद नरहीं वसूली कांड का मामला सूर्खियों में छाया रहा । अभी भी नरही के तत्कालीन एसओ व कोरंटाडीह चौकी प्रभारी समेत 20 लोग जेल में हैं। इसके बाद भरौली चौराहा पर वाहनों से अवैध वसूली बंद हो गई। लेकिन नये एसओ की तैनाती के बाद धीरे धीरे वसूली ने रफ़्तार पकड़ ली जो अब पन्नेलाल के कार्यकाल की वसूली को भी पीछे छोड़ चुकी है। बताया जाता है कि अब पुलिस ने वसूली का तरीका बदल दिया है।


नरही थाना के एक एसआई व कौशल समेत दो सिपाही के जिम्मे है वसूली, बिना वर्दी के चलते हैं
बलिया। भरौली गांव निवासी रूदल यादव द्वारा पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में पीड़ित बता रहा है कि कैसे थाने में ले जाकर कमरे में बंद कर पिटाई कर एक लाख रूपये लिया गया। इस घटना के बाद नरही पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। बताया जाता है कि कौशल पासवान पन्नेलाल के समय से ही नरहीं थाने पर तैनात है। सूत्र बता रहे हैं कि थाने के एक एसआई के साथ कौशल समेत एक और सिपाही है जो वसूली गैंग चलाते हैं। अब देखना यह है एक लाख के वसूली मामले में आगे क्या होता है। यह भी बताया जाता है कि यह तीनो लोग अक्सर नदी किनारे या अन्य स्थानों पर दलालों से मिल कर डील करते हैं। तीनों हमेशा बिना वर्दी के ही रहते हैं। इससे साफ है कि कहीं न कहीं एसओ का भी इस वसूली गैंग को संरक्षण है।


एडीजी व डीआईजी के जाते ही पकड़ी गई मवेशी लदी गाड़ी
बलिया। एडीजी पीयूष मोर्डिंया एवं डीआईजी वैभव कृष्ण के मंगलवार की रात में भरौली चौराहा से गुजरने के कुछ देर बाद पुल ने दो मवेशी लड़ी गाड़ी पकड़ी। इसको लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गये हैं। नरही पुलिस ने रात में मवेशियों से लदी पिकअप गाड़ी को पकड़ा जिसमें चार मवेशियों को लाद कर बिहार ले जाया जा रहा था। बताया जाता है कि अपना गला बचाने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की।

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