बलिया: जिला जज की अदालत ने पिता पर जानलेवा हमला करने वाले पुत्र को दी 10 वर्ष कारावास की सजा, जुर्माना भी

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बलिया: जिला जज की अदालत ने पिता पर जानलेवा हमला करने वाले पुत्र को दी 10 वर्ष कारावास की सजा, जुर्माना भी

बलिया। लगभग दो साल पूर्व आपसी संपति का विवाद एवं वैमनस्यता में पुत्र ने ही अपने पिता को जान लेने की नियत से धारदार हंसिया से प्रहार कर बुरी तरह घायल करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित पाल सिंह की न्यायालय ने गुरुवार को अभियोजन की ओर से संजीव कुमार सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता योगेंद्र कुमार सिंह की दलीलें सुनने एवं समस्त कागजातों का अवलोकन करने के उपरांत आरोपी बेटे चितबड़ागांव टिका देउरी निवासी सुनील तिवारी को दोषी करार देते हुए दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाया है। इसके अलावा दस हजार रूपए जुर्माने से भी दंडित किया है। जुर्माने की धनराशि अदा नहीं करने पर दोष को अतिरिक्त तीन माह का कैद भुगतना होगा।
अभियोजन के अनुसार चितबड़ागांव थाने क्षेत्र के टिका देउरी गांव निवासिनी मृतक बलराम तिवारी की बहू निर्मला देवी ने 1नवंबर 2022 को थाने में तहरीर दिया कि उसके ससुर बलराम तिवारी को उसी का देवर जान मारने की नियत से हंसिया से प्रहार कर बुरी तरह घायल कर दिया और लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। फिर डॉक्टर ने हालत गंभीर देखते हुए वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। जहां इलाज चल रहा है वादिनि की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस ने 3 नवंबर 2022 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में आरोपी की जमानत नहीं हो सका और अब भी जेल में ही है और सजा भी हो गई। विवेचना समाप्त होने के उपरांत पुलिस ने न्यायालय को चार्जशीट भेज दिया और निचली अदालत ने पत्रावली जिला जज के न्यायालय में परीक्षण हेतु सुपुर्द किया। 21जनवरी 2023 को आरोपी का चार्ज बना फिर गवाही प्रारंभ हुई और अभियोजन पक्ष ने सात गवाहों को परीक्षित कराया। इसके उपरांत 22अक्टूबर 2024 को न्यायालय ने आरोपी का 313 सीआरपीसी के तहत बयान अंकित किया। इसके बाद उभय पक्षों की दलीलें सुनने के उपरांत जिला जज ने फैसला सुनाया।

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