बलिया जल निगम नगरीय के तत्कालीन एक्सईएन पर 50 लाख की गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर
बलिया जल निगम नगरीय के तत्कालीन एक्सईएन पर 50 लाख की गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर
बलिया। जिले के अधिशासी अभियन्ता जल निगम (नगरीय) पीयूष मौर्य की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन सहायक अभियन्ता व प्रभारी एक्सईएन अंकुर श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सहायक अभियन्ता पर अनियमित रूप से 50 लाख की सामग्री बेचे जाने का आरोप है।
अधिशासी अभियन्ता (निर्माण खण्ड) ने पुलिस को दिए तहरीर में कहा है कि अंकुर श्रीवास्तव, सहायक अभियन्ता/प्रभारी अधिशासी अभियन्ता द्वारा कार्यालय अधिशासी अभियन्ता (निर्माण खण्ड) जल निगम (नगरीय) बलिया में अधिशासी अभियन्ता पद पर तैनाती के दौरान अनियमित रूप से 7 फर्मों को अनियमित एवं नियम विरुद्ध रूप से सामग्री उपलब्ध करायी गयी, जिसकी कीमत लगभग रुपये 50 लाख के आसपास है।
उक्त फर्मों को अंकुर श्रीवास्तव द्वारा बिना किसी शासनादेश, विभागीय आदेश/ उच्चाधिकारियों की अनुमति प्राप्त किये सामग्रियां उपलब्ध करायी गयी है। प्रकरण में जिलाधिकारी, बलिया द्वारा उपलब्ध करायी गयी जांच आख्यानुसार जांच समिति को अंकुर श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया है कि उक्त फर्मों को प्रश्नगत सामग्री उपलब्ध कराने हेतु कोई शासनादेश अथवा लिखित आदेश / निर्देश निर्गत नहीं है। इनके द्वारा उक्त फर्मों को उपलब्ध कराये गये सामग्रियों का समायोजन संबंधी कोई अभिलेख या अन्य अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गये।
इसके अतिरिक्त फर्मों द्वारा प्राप्त किये गये सामग्रियों को प्रयोग /उपयोग किये जाने अथवा नही किये जाने एवं फर्मों के सामग्री सहित अनुबन्ध होने से योजना में प्रस्तावित सामग्री के भुगतान की अद्यतन जानकारी करने पर अंकुर श्रीवास्तव द्वारा कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं करायी गयी, जिससे सन्देहास्पद स्थिति उत्पन्न हुई। यह स्पष्ट हुआ कि श्री श्रीवास्तव द्वारा बिना किसी आदेश व प्रक्रिया अपनाये अपने इच्छित फर्मों को मनमाने तौर पर सामाग्रियों को उपलब्ध कराया गया। अंकुर श्रीवास्तव द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए किये गये अपव्यय एवं नियम विरुद्ध अनियमित कृत्य के फलस्वरूप जल निगम (नगरीय) को लगभग 50 लाख रुप्ये की आर्थिक क्षति पहुंची है, जिसके लिए अंकुर श्रीवास्तव उत्तरदायी परिलक्षित होते हैं।
अंकुर श्रीवास्तव, सहायक अभियंता / प्रभारी अधिशासी अभियंता द्वारा पदजनित कर्तव्यों एवं दायित्वों का सम्यक निर्वहन न करते हुए शासकीय धनराशि का दुर्विनियोग किया गया तथा बिना किसी शासनादेश, विभागीय आदेश / उच्चाधिकारियों की अनुमति प्राप्त किये नियम विरुद्ध रूप से लगभग 50 लाख रूपये की सामग्री बेचकर विभाग को शासकीय क्षति पहुंचायी, जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई है। उनका यह कृत्य वित्तीय अनियमितता के साथ ही अपराधिक कृत्यों का भी है।
प्रबन्ध निदेशक द्वारा बीते 17 अगस्त को की गयी समीक्षा बैठक में अपचारी अधिकारी के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराने हेतु निर्देश दिये गए। एक्सईएन की तहरीर पर पुलिस ने धारा 316 (5) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया।