बलिया में जिला अस्पताल के बाथरूम में मरीज की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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बलिया में जिला अस्पताल के बाथरूम में मरीज की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

स्वास्थ्यकर्मियों की उदासीनता से दो बच्चों के सिर से उठा बाप का साया

बलिया। कभी चिकित्सकों की लापरवाही तो कभी कर्मचारियों की मनमानी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला जिला अस्पताल एक बार फिर बुधवार को सुर्खियों में आ गया। बर्न वार्ड के बाथरूम में मरीज जुगेश्वर प्रसाद की गिरकर मौत हो गई। इसके बाद परिवार के उपर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दो बच्चों के सिर से बाप का साया हमेशा के लिए उठ गया। इस दौरान मरीज के तीमारदारों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया और सीएमओ और सीएमएस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बता दें कि बयासी निवासी जुगेश्वर प्रसाद के हाईड्रोसील में दिक्कत थी। जिसको लेकर उनके परिजन मंगलवार को जिला अस्पताल में लाए थे। तीमारदार के अनुसार इमरजेंसी में इलाज के बाद भर्ती के लिए जिला अस्पताल के नई बिल्डिंग में उन्हें शिफ्ट किया गया था। आरोप है कि बुधवार को उन्हें चूंकि हाईड्रोसील में घाव हो गया था, लिहाजा नए भवन से बर्न वार्ड में जब उन्हें शिफ्ट किया जा रहा था, तब मरीज को स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। इतना ही नहीं आरोप है कि जब बर्न वार्ड में भर्ती किया गया तो तीमारदार द्वारा यहां तैनात चिकित्सक व नर्स से बार बार आग्रह के बाद भी न तो पेशाब आदि कराने के लिए कोई उपकरण लगाए जा रहे थे औ न ही सुई दवा की जा रही थी। आरोप है कि मरीज किसी वक्त पेशाब करने के लिए जैसे ही बर्न वार्ड के बाथरूम में गया, उसी वक्त गिरकर उसकी मौत हो गई। जबकि उस वक्त वार्ड में तैनात नर्स ने भी मरीज को देखना मुनासिब नहीं समझा। मौत की जानकारी होते ही जुगेश्वर प्रसाद की पत्नी जहां दहाड़े मारकर रोने लगी, वहीं अन्य तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान तीमारदारों ने सीएमओ व सीएमएस के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए।

तीमारदारों ने की मुआवजे की मांग
बलिया। बताया जाता है कि जुगेश्वर ही घर का एक मात्र कमाने वाला सदस्य था, जबकि घर पर दो बच्चे हैं जिनकी पढ़ाई लिखाई अब ग्रहण लग सकता है। वहीं परिवार के सामने रोजी रोटी का भी संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में परिजनों ने जिला अस्पताल प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है।

संज्ञान में न होने की बात बोलकर पल्ला झाड़ लिए सीएमएस
बलिया। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके यादव से जब इस बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जबकि सीएमएस कक्षा से कुछ ही दूरी पर हंगामा हो रहा था और परिजन दहाड़े मारकर रो रहे थे। सीएमएस ने बस इतना कहा कि अभी दिखवाता हूं।

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