बलिया के बैरिया शहीद क्रांतिवीरों को किया नमन, दी श्रद्धांजलि
बलिया के बैरिया शहीद क्रांतिवीरों को किया नमन, दी श्रद्धांजलि
बलिया। बैरिया थाना पर अंग्रेजों का जैक उतार कर तिरंगा फहराने के दौरान हुई क्रांति में शहीद हुए अमर शहीदों को रविवार को जिले के लोगों ने श्रद्धा पूर्वक स्मरण कर श्रद्धांजलि दी। इसमें सेनानी, सेनानी संगठन, भूतपूर्व सैनिक, राजनीतिक दलों के लोग, सामाजिक संगठनों के अलावा विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं रहे। परंपरा के अनुसार थाना प्रभारी रामायण सिंह ने शहीद स्मारक पर परंपरागत तरीके से पूजा अर्चन किया।हवन करने के साथ ही पुष्पांजलि अर्पित कर पुलिस विभाग की ओर से शहीदों को नमन किया। भूतपूर्व सैनिक संगठन ने सैन्य अंदाज में शहीदों को नमन कर सलामी दी और पुष्प चक्र अर्पित किया। इस मौके पर पूर्व सैनिक संगठन के जिलाध्यक्ष अखिलेश्वर सिंह, उमाशंकर ओझा, कन्हैया शर्मा, स्वतन्त्रता सेनानी रामविचार पाण्डेय, वीरेश कुमार तिवारी, पारस वर्मा, शिवसागर पाण्डेय, अनिल सिंह, उपजिलाधिकारी सुनील कुमार, निर्भय नरायण सिंह, विजया लक्ष्मी सिंह सहित सभी दलों के नेता, समाजसेवी रहे।
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दिखी चुनावी तैयारी की झलक
नौ वर्षों बाद पिछले वर्ष साधारण तौर पर शहीद स्मारक पर सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। लेकिन इस वर्ष फिर शहीद दिवस पर सर्वदलीय मंच का आयोजन नही हुआ। इस बार शहीद दिवस के मौके पर शहीदों को नमन करने के बहाने वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव तैयारी की झलक जरूर दिखी। कई नए व पुराने दावेदारों ने अपने को प्रोजेक्ट किया। कोई बाईक जुलूस, तो कोई पैदल जुलूस तो कई गोड़ऊ (पखाऊज) नाच के साथ शहीद स्मारक पहुंचकर अपना दम-खम दिखाया। हालांकि हर साल के बजाय इस बार शहीदों को नमन करने के लिए बड़ी संख्या में हुजूम रहा।
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सेनानी व आश्रितों को किया गया सम्मानित
बैरिया तहसील के सभागार में शहीदों के याद में विचार गोष्ठी हुई। सेनानी के वंशज रामविचार पाण्डेय ने बताया कि अमर सपूत कौशल कुमार सिंह ने गोलियों की बौछार की चिंता किये बग़ैर अंग्रेजों का जैक उतार कर तिरंगा फहरा दिया था। उनके साथ ही कुल 18 अमर सपूत शहीद हो गए। उप जिलाधिकारी बैरिया सुनील कुमार ने कहा कि सेनानियों ने अपना जान गवां कर देश को आजाद कराया, उन्ही की बदौलत अंग्रेज शासक देश छोड़ने को मजबूर हुए। तहसील सभागार में सेनानियों व उनके वंशजो को अंगवस्त्रम ओढ़ाया और फूल माला से उनका स्वागत किया। इसमें रामविचार पांडेय, गंगासागर सिंह, कौशल कुमार गुप्त, योगेश मिश्रा, अंजनी राय, विनय पांडे, विनोद गुप्त, वीरेंद्र कुमार समेत डेढ़ दर्जन से अधिक सेनानी उनके आश्रित शामिल थे। सेनानियों के स्वागत करने वालों में तहसीलदार सुदर्शन कुमार, नायब तहदीलदार रोशन सिंह आदि रहे।
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पानी के लिए परेशान रहे लोग
बैरिया शहीद दिवस पर अमर शहीदों को नमन करने के लिए उमड़े जनसैलाब के लिए पानी पीने की कोई व्यवस्था नही किया गया था। उमस व गर्मी से लोगों का गला सूखने पर शुद्ध पेयजल के लिए बिलबिलाते रहे।सर्वदलीय मंच की तो इस बार व्यवस्था नहीं थी। लेकिन लोगों को बैठने के लिए एक टेंट लगाया गया था। ऐसे में पंखा व पानी की अनुपलब्धता से लोग परेशान दिखे।
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शहीद स्मारक की सफाई तक नहीं
बैरिया शहीद स्मारक की गुम्बद को न तो साफ-सफाई किया गया था और न पेंटिंग किया गया था। कई लोग कहते सुने गए कि जेतना नेता लोग झमकावत बा लोग कम से कम कुल जाना मिलके शहीद स्मारक के साल में एक बार झोल-झखार के सफाई करा के पेन्ट करा देबे के चाही।
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एक समान शिक्षा की जगाई अलख
बैरिया शिक्षा एक समान को लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राधेश्याम यादव ने अपने को लोहे की बेड़ियों से जकड़ कर जुलूस के रूप में शहीद स्मारक तक पहुंचे। उनका कहना है कि चाहे डीएम का बेटा हो या किसान का सभी को शिक्षा एक समान मिलना चाहिए।
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सर्वदलीय मंच नहीं होने से मायूस दिखे लोग
बैरिया शहीद दिवस पर पहले लोग सर्वदलीय मंच से अपने पक्ष व विपक्ष के नेताओं को सुनने के लिए शहीद स्मारक के पास इकट्ठा होते थे। लेकिन अब सर्वदलीय मंच का आयोजन न होने से आम लोग नेताओं के तर्कों को नही सुन पा रहे है। ऐसे में नेताओं के विचारों को सुने बिना लोग मायूस होकर लौट गए।
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लोगों ने किया व्यंग्य
बैरिया। शहीदों की चौखट पर जमकर गोड़ऊ (पखाऊज) नाच पर जमकर थिड़के नर्तक। ऐसे में लोग नर्तक को देख व्यंग भी खूब किया।
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घंटों रहा जाम, लोग रहे बेहाल
बैरिया। शहीद स्मारक पर उमड़े जनसैलाब के कारण बैरिया थाना गेट पर लगभग दो घण्टे तक जाम लगा रहा। ऐसे में बैरिया-सुरेमनपुर मार्ग से आवागमन करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।सुरक्षा की दृष्टि से लगाये गए बैरिया, दोकटी, रेवती व हल्दी पुलिस ने भी जाम हटाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।