बलिया बेसिक शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार, खोलेंगे राज,,,पार्ट थ्री

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बलिया बेसिक शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार, खोलेंगे राज,,,पार्ट थ्री

बीटीसी का अंक पत्र बाराबंकी के उस विद्यालय का जो संचालित ही नहीं

बीटीसी का प्रमाण पत्र गोरखपुर का जो क्रास लिस्ट में नहीं

एनडी राय
बलिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलेरेंस की नीति को जिले का बेसिक शिक्षा विभाग नहीं मानता। विभाग में फर्जी नियुक्ति की शिकायत पिछले 10 वर्षों से हो रही है लेकिन विभाग शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल देता है। विभाग के लिए उच्चाधिकारियों का निर्देश भी कोई मायने नहीं रखता है। बताया जाता है कि यह फर्जी नियुक्ति वाले शिक्षक विभाग के लिए कामधेनु गाय हैं।
जिले के रतसर खुर्द निवासी राम प्रकाश पांडेय ने करीब 4 सालों तक जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी इकट्ठा करने के बाद पहली बार 26 मई 2014 को जिलाधिकारी /अध्यक्ष जिला शिक्षा समिति बलिया को जिले में फर्जी बीटीसी व स्थानांतरण आदेश जारी कर नौकरी करने के संबंध में शिकायती पत्र दिया। बताया कि प्राथमिक विद्यालय भटवलिया रतसर विकासखंड गड़वार पर तैनात प्रधानाध्यापिका श्रीमती मंजू देवी ने बीटीसी परीक्षा 1992/93 अथवा 1993/94 में सामान्य महिला वर्ग कला वर्ग से उत्तीर्ण किया है। यह एक फर्जी स्थानांतरण आदेश प्रस्तुत करके अपनी तैनाती प्राथमिक विद्यालय रतसर टाउन करा ली। यह भी बताया कि श्रीमती मंजू ने वर्ष 1992 में बाराबंकी स्थित राजकीय दीक्षा विद्यालय का अंक पत्र लगाया है जबकि इस विद्यालय का मर्जर वर्ष 1989 में ही जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान कर दिया गया था जिसके बाद से यह विद्यालय संचालित नहीं है। इतना ही नहीं श्रीमती मंजू का बीटीसी प्रमाण पत्र गोरखपुर का है। इस बाबत शिकायत पर प्राचार्य जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान गोरखपुर ने बताया कि विभागीय अभिलेखानुसार इनका नाम क्रास लिस्ट में नहीं है। शिकायतकर्ता ने इन सभी साक्ष्यों को भी शिकायती पत्र के साथ दिया लेकिन यह सभी शिकायतें बेसिक शिक्षा विभाग के भ्रष्टतंत्र लगातार दबाए हुए है। हालांकि श्री पांडेय की ओर से अधिकारियों व उच्चाधिकारियों से शिकायत का क्रम जारी है। अब देखना है कि डीएम लक्षकार के निर्देश का असर पड़ता है या फिर बेसिक शिक्षा विभाग का भ्रष्टतंत्र भारी पड़ता है।

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