बलिया एसपी का बड़ा एक्शन, अवैध वसूली के आरोप में नरही थाने के दो सिपाही सस्पेंड

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बलिया एसपी का बड़ा एक्शन, अवैध वसूली के आरोप में नरही थाने के दो सिपाही सस्पेंड

दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश

बलिया। दो दिनों पहले नरहीं थाना के एक सिपाही द्वारा एक आरोपी के भाई की पिटाई कर एक लाख रूपये दूसरे के खाते में मंगाने के बाद छोड़ने का मामला सामने आया था। पीड़ित ने इसकी शिकायत एसपी से की थी। एसपी ने मामले की जांच सीओ सदर कराने के बाद थाने के सिपाही कौशल पासवान व श्रषिलाल बिन्द को एसपी ने निलंबित करते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है।
बता दें कि नरही थाना क्षेत्र के भरौली गांव निवासी रूदल यादव ने पुलिस अधीक्षक सहित आला अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा था। बताया है कि मेरे भाई नितीश यादव पर गोवध तथा पशु क्रूरता का मुकदमा दर्ज कर पुलिस उसे ढूंढ रही है। 25 नवंबर को थाने के सिपाही कौशल पासवान व एक अन्य सिपाही थाने ले जाकर कमरे में बंद कर मेरी पिटाई किए इसके बाद छोड़ने के लिए ढ़ाई लाख रुपए की मांग की। मैं अपनी जान बचाने के लिए एक लाख रूपये में सौदा किया। सिपाही ने जो खाता नंबर दिए उस पर 50-50 हजार रूपये दो बार में भेजवाया जो भरौली गांव निवासी मंटू निषाद के खाते में गया। पैसा पहुंच जाने के बाद मुझे छोड़ दिया गया। रूदल ने बताया कि मेरे एक पैर में राड पड़ा हुआ है चोट लगने से खून आना शुरू हो गया है।
एसपी के निर्देश पर बुधवार को सीओ सदर श्यामकांत ने मामले की जांच कर एसपी को रिपोर्ट दी। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि
रुदल यादव पुत्र हरेन्द्र यादव निवासी भरौली द्वारा यह आरोप लगाया गया है की थाना नरही पर कार्यरत दो कांस्टेबल कौशल पासवान व श्रषिलाल बिन्द द्वारा 25 नवंबर को जब अपने खेत में काम कर रहे थे तो उनको उठाकर थाना पर ले आए और बैरक में ले जाकर डरा धमका कर पैसों की वसूली की गई। इस सूचना पर तत्काल क्षेत्राधिकारी सदर के द्वारा जांच कराई गयी । जाँच में प्रथम दृष्टया दोनों आरक्षियों की संलिप्तता पायी गयी। इसको देखते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों आरक्षियों को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एंव अनुशासनहीनता बरतने के आधार पर दोनों आरक्षियों कौशल पासवान व श्रषिलाल बिन्द को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जा रहा है। रुदल यादव से प्राप्त तहरीर पर दोनों आरक्षियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है व अन्य विधिक कार्यवाही प्रचलित है।

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