बलिया में न तस्करी न वसूली: धधकती भट्ठियां खोल रही पोल
बलिया में न तस्करी न वसूली: धधकती भट्ठियां खोल रही पोल
एक सप्ताह पहले ही चार सीओ व एएसपी दक्षिणी ने दी थी रिपोर्ट
नरही में नदी के रास्ते पशु व शराब तस्करी तो सिकंदरपुर में घाघरा किनारे धधक रहीं कच्ची शराब की भट्ठियां
रोज सामने आ रहे वीडियो, जांच अधिकारी एसपी समेत उच्चाधिकारियों को कर रहे गुमराह
बलिया। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने चार दिनों पहले ही लोक शिकायत अनुभाग मुख्यमंत्री कार्यालय को एक शिकायत की जांच रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में उल्लेख है कि बलिया के दरौली घाट, जनेश्वर मिश्र पुल और चांद दियर पर वर्तमान समय में कोई भी तस्करी और वसूली की गतिविधियां प्रकाश में नहीं आई हैं। एसपी ने यह रिपोर्ट चार सीओ व एएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर भेजी। लेकिन इसके उलट चर्चित नरही थाना वसूली कांड का खुलासा होने के बाद जहां अब फिर नदी के रास्ते पशु शराब तस्करी शुरू है वहीं, सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के घाघरा किनारे बड़ी संख्या में कच्ची शराब की भट्ठियां धधक रहीं हैं। आए दिन वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है।
बता दें कि 24 जुलाई को एडीजी वाराणसी व डीआईजी आजमगढ़ ने नरही थाना क्षेत्र के भरौली चौराहा पर छापेमारी कर पुलिस की अवैध वसूली का बड़ा खुलासा किया था। इसके बाद आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्य सचिव तथा डीजीपी को पत्र भेजकर भरौली के साथ ही दरौली, जनेश्वर मिश्र पुल, मांझी घाट पर भी अवैध तस्करी और वसूली के मामलों में कार्रवाई के मांग की थी। शिकायत की जांच एसपी ने एएसपी दक्षिणी से कराई। एएसपी ने संबंधित सीओ से रिपोर्ट प्राप्त की, जिसमें बताया गया कि इन स्थानों पर शराब तस्करी, कोयला, लाल बालू आदि के अवैध तस्करी की घटना नहीं हो रही है और उन पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस अपनाते हुए सकारात्मक पुलिसिंग की जा रही है। एसपी ने 14 अगस्त को रिपोर्ट शिकायत के क्रम में संलग्न कर दिया। लेकिन नरही क्षेत्र से लेकर सिकंदरपुर तक सामने आ रहे वीडियो से जांच अधिकारियों की पोल खुलने लगी है।
नरही थाना क्षेत्र के गंगा किनारे पलिया खास उर्फ बड़काखेत व आसपास के इलाकों से इंजन चालित नावों से पशु व शराब तस्करी जोरों पर है। आए दिन वीडियो भी सामने आ रहे हैं लेकिन शिकायत की जांच करने वाले अफसर को इसकी भनक नहीं लग रही।
उधर,
सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के घाघरा (सरयू) किनारे कठौड़ा गांव से कुछ दूर नदी की टापू पर कच्ची शराब की भट्ठियों के धधकने का वीडियो सामने आया है। बताया जाता है कि नदी का क्षेत्र हमेशा से अवैध शराब, गांजा, हीरोइन और पशु तस्करी के लिए सुरक्षित ठिकाना रहा है। आबादी से दूर नदी के बीच लगे झाड़ झंखाड की वजह से काम और आसान हो जाता है। लिहाजा कारोबारी बिना किसी व्यवधान के अवैध धंधों को संचालित करते हैं। इस अवैध कारोबार को पुलिस का संरक्षण सोने पर सुहागा साबित होता है।
सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद, कठौड़ा, सिसोटर, लीलकर, मुस्तफाबाद और डुहां में अवैध शराब की दर्जनों भट्ठियां संचालित की जाती हैं। इन भट्ठियों से रोजाना हजारों लीटर शराब इधर से उधर भेजी जाती है। इसके बदले संबंधित थाने को मोटी रकम चुकाई जाती है।
नदियों के किनारे का इलाका तस्करों के लिए मुफीद
बलिया। नदियों के किनारे का इलाका अवैध कारोबार व तस्करी के लिए सबसे ज्यादे सुरक्षित ठिकाना है। कठौड़ा घाट से करीब 2 किमी दूर नदी क्षेत्र में सात से आठ फीट ऊंचे सरपतों के बीच बनाई गई करीब 30 अवैध शराब फैक्ट्रियों तक पहुंचना काफी कठिन और जोखिम भरा काम है। बरसात और बाढ़ के सीजन में तो यह और भी दुष्कर हो जाता है। पर सरयू की लपकती लहरों के बीच इस दुर्गम स्थान पर कारोबारियों का प्रतिदिन आना जाना है। डेंगियों के सहारे कच्ची शराब बनाने वाले 300 रुपए दिहाड़ी के लिए जान पर खेल कर वहां पहुंचते हैं और पूरे दिन काम कर ढलते सूर्य के साथ माल लेकर वापस आ जाते हैं। यह सिलसिला रोज का है।