बलिया अगस्त क्रांति 1942
बलिया अगस्त क्रांति 1942
जिले में चप्पे चप्पे पर आंदोलन
गड़हांचल में क्रांतिकारियों ने रेलवे स्टेशन को फूंका, थाने पर कब्जा कर फहराया तिरंगा
एनडी राय
बलिया। जिले में सन 1942 का आंदोलन धीरे-धीरे जोर पकड़ चुका था। शहर के बाद गांव-गांव आंदोलन शुरु हो गया और जो जहां था वहीं अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। 17 अगस्त को गड़हांचल का चप्पा-चप्पा आंदोलन की आग में जलने लगा। गड़हांचल के विभिन्न गांवों के युवा चितबड़गांव पहुंचे। यहां उनके आंदोलन का नेतृत्व कपिल देव सिंह ने किया। प्रातः काल सैकड़ों हथियारबंद साथियों के साथ चितबड़ागांव रेलवे स्टेशन में आग लगा दी। स्टेशन धू-धू करके जल उठा। दोपहर को स्थानीय पुलिस चौकी में भी आग लगा दी। इसके बाद आंदोलनकारियों ने नरही थाना पर धावा बोल दिया और थाने को लूटने के बाद वहां तिरंगा फहरा दिया। थानेदार कुंवर सुंदर सिंह ने पहले तो समर्पण किया लेकिन बाद में कपिलदेव सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस आंदोलन में बेनी माधव सिंह, राधा कृष्ण गुप्त, मोहन गुप्त, जगन्नाथ तिवारी उर्फ भाईजी, हरिद्वार राय, राम नगीना, जंग बहादुर सिंह आदि रहे। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त 1972 में कपिलदेव सिंह को ताम्रपत्र प्रदान कर अभिनंदन किया।