साहब कमाल की है बलिया पुलिस, बेटी को पत्नी बना करती है फर्जी

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मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करने वालों पर पहले लगाती है शांतिभंग की धारा, फिर मनमर्जी रिपोर्ट
बलिया। मुख्यमंत्री की ओर से आम लोगों की सुविधा के जनसुनवाई पोर्टल की सुविधा दी गई। लेकिन अधिकांश अधिकारी मामले का जैसे तैसे निस्तारण कर कोरम पूरा करते हैं। पुलिस विभाग तो शिकायत करने वालों पर पहले शांतिभंग की धारा लगाती है और इसके बाद फर्जी तरीके से निस्तारण कर देती है। इसमे पुलिस बेटी को पत्नी तक बना देती है। मामला जिले के नरही थाना का सामने आया है।
नरही थाना के सोहांव गांव के शशिशेखर राय की बेटी शिवानी राय ने
10 जून 2024 को जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत किया। बताया कि मेरे पिता का पट्टीदारों से हिस्सा को लेकर विवाद है। इसको लेकर पट्टीदार व आस पड़ोस के लोग मुझे जान से मारने व अपहरण की धमकी देते हैं। पट्टीदार अपने दरवाजे पर बैठकी कर शराब, गांजा आदि पिलाते हैं। परिवार का एक रास्ता होने के कारण आए दिन इसको लेकर विवाद होता है। शिकायत की जांच नरही थाने के उप निरीक्षक अरविंद कुमार ने की। जांच रिपोर्ट में एसआई ने लिखा कि आवेदिका शिवानी राय पत्नी शशिशेखर राय सोहांव के निवासी हैं। आवेदिका के पति चार भाई हैं। यह लोग मौके पर आपसी रास्ते व खानगी बंटवारे को लेकर विवाद कर रहे थे। एसआई ने आवेदिका का बयान दर्ज करते हुए उल्लेख किया है कि आवेदिका शिवानी राय पत्नी शशिशेखर राय निवासी सोहांव द्वारा बताया गया कि अपने ससुर की याद में पारिवारिक जमीन पर गायत्री मंदिर के रास्ते का मरम्मत कर रहे थे जिसको मेरे पति के भाई विपक्षी द्वारा रोक दिया गया है। जिससे मंदिर में आने जाने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है। विपक्षी का भी बयान उन्होंने दर्ज किया है जिसमें लिखा है कि विपक्षी द्वारा बताया गया कि हम लोग चार भाई हैं जिनका अभी खानगी बंटवारा नहीं हुआ है। बिना खानगी बंटवारा के ही आवेदक अजय कुमार राय उपरोक्त द्वारा रास्ते का निर्माण कराया जा रहा था जिसको मेरे द्वारा रोक दिया गया है। बिना बंटवारे का कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। एसआई ने निष्कर्ष में लिखा है कि जांच में ज्ञात हुआ कि आवेदिका शिवानी राय पति शशिशेखर राय व विपक्षी चंद्रशेखर राय आपस में सगे पट्टीदार हैं। खानगी बटवारा नहीं होने से दोनों पक्षों के मध्य तनाव व्याप्त है। दोनों पक्षों को हिदायत दिया गया कि राजस्व व लेखपाल को लेकर अपना खानगी बंटवारा करें। लोक शांति व्यवस्था के दृष्टिगत दोनों पक्षों के विरुद्ध 25 जून 2024 को धारा 107, 116 द. प्र. सं किया जा चुका है आवेदिका द्वारा प्रार्थना पत्र में लगाए गए अन्य आरोप जांच से प्रमाणित नहीं हो रहा है यह लिख करके एसआई ने थाने को दे दिया और इसके आधार पर मामले का निस्तारण कर दिया गया।
उधर, पीड़िता शिवानी राय ने पुलिस अधीक्षक बलिया, पुलिस महानिरीक्षक आजमगढ व महिला आयोग को पत्र भेज शिकायत को फर्जी तरीके से निस्तारण का आरोप लगाया है। बताया है कि मेरे पिता को पति अंकित कर एसआई ने नारी गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। यह भी बताया है कि मुझसे कोई बयान नहीं लिया गया है, और अंकित बयान फर्जी है।

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