बलिया में पंचायत भवन: सचिव की गाड़ी में घूमता है प्रिंटर, कहीं अस्पताल तो कहीं बना शोपीस
बलिया में पंचायत भवन: सचिव की गाड़ी में घूमता है प्रिंटर, कहीं अस्पताल तो कहीं बना शोपीस
राशन कार्ड सुधारने, खतौनी व जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र को भटक रहे ग्रामीण
बलिया। जिले में शासन की ओर से गांवों में पंचायत भवनों में ग्राम सचिवालय संचालन महज कोरम बन कर रह गया है। कई गांवों में सचिव की मनमानी से लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पर रही है। सोहांव ब्लॉक में तो पंचायत भवनों में कहीं अस्पताल चल रहा है तो कहीं ग्राम सचिवालय संचालन को पर सिस्टम तक नहीं है। क्षेत्र पंचायत सोहांव के दर्जनों गांवों में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ग्राम सचिवालय अबतक परवान नहीं चढ़ सका है। जबकि ग्रामीणों को घर बैठे सरकारी योजनाओं की जानकारी व सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पंचायत भवन में ग्राम सचिवालय का संचालन किया जाना है। लेकिन यहाँ तो वर्षों या तो से बंद चल रही है या प्रधान के आवास पर चल रहा है। गुरुवार पड़ताल किए जाने पर सामने आया कि ग्राम पंचायत कारो के पंचायत भवन में वर्षों से आयुर्वेद अस्पताल चल रहा है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि जिस पंचायत भवन में अस्पताल चल रहा है उसी से सटे क्षेत्र पंचायत द्वारा अतिरिक्त हॉल बनवाया गया है लेकिन इस हॉल में अभी तक पंचायत सहायक. सचिव नहीं बैठते और न ही ताला खुलता है।
ग्राम पंचायत फिरोजपुर के ग्राम पंचायत सचिवालय पर पहुंचने पर वहां उपस्थित ग्रामीणों में नरेंद्र सिंह को खतौनी निकलवानी थी। विजय बहादुर सिंह को वृद्धा पेंशन के लिए आनलाईन आवेदन करना था व रामसुरत राम जिन्हें राशन कार्ड सुधारने को आवेदन करना था। इन लोगों द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत सचिवालय वर्षों बाद आज खुला है लेकिन कोई काम नहीं हो पा रहा है। इस सम्बन्ध में पंचायत सहायक नमन राम ने कहा कि मुझे लैपटॉप तो मिला है पर प्रिंटर व कागज प्रधान के आवास पर रहता है। बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। मुझे 8 महीने का मानदेय भी नहीं मिला है।
इस सम्बन्ध में 7 ग्राम पंचायतों का कार्यभार संभालने वाले सचिव देवानंद गिरी से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्रिंटर मशीन मेरी फोर ह्वीलर गाड़ी में है, लेकर पहुंच रहा हूँ। बताया जाता है कि सचिव कहीं भी नहीं जाते।
इस बाबत एडीओ पंचायत सुर्य प्रकाश यादव ने बताया कि इतनी अनियमितताओं की जानकारी मुझे नहीं है। मै जांच कर व्यवस्था ठीक करा दे रहा हूं।