बलिया अगस्त क्रांति 1942

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महिलाओं ने खोला मोर्चा, जिला जज पर फेंकी चूडिय़ां, परगना मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर किया कब्जा

बलिया अगस्त क्रांति 1942

महिलाओं ने खोला मोर्चा, जिला जज पर फेंकी चूडिय़ां, परगना मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर किया कब्जा
एनडी राय
बलिया। सन 1942 के आंदोलन की आग जिले के कोने-कोने में पूरी तरह जलने लगी थी। नौ अगस्त को बम्बई के ग्वालिया टैंक की जनसभा से महात्मा गांधी समेत अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में चप्पे पर आंदोलन शुरु था। 13 अगस्त को आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया और आज महिलाओं ने जिला मुख्यालय पर मोर्चा खोल दिया। शहर की निवासी श्रीमती जानकी देवी, उनकी बहन गायत्री देवी तथा उनकी मां ने सैकड़ों महिलाओं के साथ जुलूस निकाला। जुलूस जब चौक पर पहुंचा तो यहां एक महात्मा पहुंचे और उनके ओजस्वी भाषण से जुलूस जनसैलाब में बदल गया। आगे-आगे महिलाओं का जुलूस और पीछे से हजारों का हुजूम कचहरी की ओर चल पड़ा। सबसे पहले महिलाओं का जुलूस सिविल जज की अदालत में पहुंचा। जानकी देवी ने कहा कि जज साहब प्रशासन को रोकिए हम अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं। बताया कि पुलिस छात्रों के साथ अमानुषिक व्यवहार कर रही है। जज साहब ने कहा कि मैं इसमें कुछ भी करने में असमर्थ हूं। इसके बाद महिलाओं ने अपनी चूडिय़ां निकालकर उनकी ओर फेंकते हुए कहा कि आप यह चूडिय़ां पहन कर बैठिए, देश को हम महिलाएं ही आजाद करा लेंगी। इसी बीच क्रांतिकारी बालाओं के एक दल ने जजी कचहरी के भवन पर चढ़ कर तिरंगा फहरा दिया और पूरा कचहरी भारत माता की जय, वंदे मातरम से गूंज उठा। यहां से महिलाओं का जुलूस कलेक्ट्रेट की ओर से बढ़ा और इसकी जानकारी जब डीएम जे निगम को हुई तो वह कोर्ट छोड़कर निकल लिए। डीएम के नहीं रहने पर महिलाओं का जुलूस परगना मजिस्ट्रेट मुहम्मद ओवैस की इजलास पर पहुंचा और जानकी देवी ने उनसे कुर्सी छोडऩे को कहा। आक्रोशित भीड़ को देखते हुए परगना मजिस्ट्रेट कुर्सी छोड़ कर चल दिए तो जानकी देवी उनकी कुर्सी पर बैठ गईं। यहां भी वंदे मातरम, इंकलाब जिंदाबाद से इजलास गूंज उठी। कुछ ही देर में महिलाओं ने इसे कब्जा मानते हुए कचहरी का चक्कर लगाया और कार्रवाई समाप्त की गई।
उधर, सुबह बनारस से आने वाली ट्रेन जैसे ही जिले के पहले रेलवे स्टेशन चितबड़ागांव पहुंची ट्रेन पर सवार छात्रों ने बवाल करना शुरु कर दिया। स्थानीय जनता के सहयोग से रेलवे स्टेशन के सारे कागजात फूंक दिए। इसके बाद छात्रों तथा आमलोगों ने रेल पटरी को उखाड़ दिया तथा टेलीफोन के तार भी काट दिया। इसके अलावा बांसडीह में ग्राम रक्षक दल के नेता वृंदा सिंह ने बांसडीह थाने के एक घूसखोर सिपाही को दल के स्वयं सेवकों से पकड़ कर मंगवाया और उसे दिन भर बंद रखा गया और गांव में घुमाया गया। रेवती में भी आंदोलनकारियों ने रेलवे सिग्नल तार तथा टेलीफोन तार को काट दिया और पटरियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। खेजुरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा कब्जा किए अपने मंडल कार्यालय पर कब्जा करके तिरंगा फहरा दिया। बेल्थरारोड में दिगम्बर बाबा के मेले में विशाल जनसभा हुई।

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