बलिया के जिला अस्पताल में मिलेगी प्लेटलेट्स व ब्लड के चारो कंपोनेन्ट की सुविधा

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बलिया के जिला अस्पताल में मिलेगी प्लेटलेट्स व ब्लड के चारो कंपोनेन्ट की सुविधा
बलिया। जिला अस्पताल में अब रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) और प्लेट्लेट्स की सुविधा जल्द मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग कवायद में जुट गया है।जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 150 से अधिक मरीज आते हैं। जिन्हें रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) और प्लेट्लेट्स की जरूरत होती है। लेकिन जिले में उन्हें यह उपलब्ध नहीं हो पाता। कारण कि यहां खून के चारों कंपोनेंट की कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन अब जिला अस्पताल परिसर में सरकार की ओर से ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट स्थापित की गई है। इसका भवन बनकर तैयार हो चुका है। जिसमें बायो मिक्सर, एलाइजर रीडर, प्लेटनेट स्टेटस सहित प्लेटनेट्स सेंटर की सभी मशीन स्थापित हो चुकी है। इसे शुरु करने के लिए टीम गुरुवार को जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंची, जहां मशीनों का परीक्षण किया। अगर सब कुछ ठीक रहा तो एक पखवाड़े के अंदर ही सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसके आरम्भ हो जाने के बाद अब मरीज और तीमारदारों को बनारस, प्रयागराज, गोरखपुर और पटना समेत अन्य महानगरों को नहीं जाना पड़ेगा।

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इस तरह अलग होते हैं ब्लड के चारो कंपोनेंट

बलिया। सेपरेशन यूनिट में रक्त का मंथन किया जाता है। इससे रक्त परत दर परत हो जाता है। इसके बाद रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, व्हाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) और प्लेट्लेट्स चारों कंपोनेंट अलग-अलग हो जाते हैं। जिन्हें सुरक्षित जार में अलग रखा जाता है।

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वर्तमान में ब्लड बैंक में है 10 फीसदी यूनिट खून

बलिया। जनपद में एकमात्र ब्लड बैंक जिला अस्पताल में स्थापित है, जहां आठ अगस्त (गुरुवार) को 51 यूनिट खून उपलब्ध है। जिसमें ए प्लस तीन, बी प्लस के 24, बी माइनस के दो, ओ पॉजिटिव के एक था जो गुरुवार को समाप्त हो गया। जबकि ओ माइनस के दो, एबी प्लस के 15, एबी माइनस के चार यूनिट ब्लड हैं। जबकि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में करीब 500 यूनिट ब्लड रखने की सुविधा है। खून की सबसे अधिक जरूरत डायलासिस, गर्भवती महिला, सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों को होती है जिसके लिए तीमारदारों को दर-दर भटकना पड़ता है। हालांकि ब्लड की आवश्यकता पड़ने पर तीमारदार अपने परिजन व रिश्तेदार को लेकर आते हैं और जिस ब्लड ग्रुप की आवश्यकता पड़ती है उसकी जांच कर उसे दे दिया जाता है। इसके अलावा तीमारदार ग्रुप नहीं मिलने पर आपस में अदला-बदली कर काम चला लेते हैं। इस बाबत ब्लड बैंक के नोडल अधिकारी डॉ रितेश सोनी ने बताया कि वर्तमान में ब्लड बैंक में खून उपलब्ध है।

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वर्जन.

ब्लड बैंक के नए भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। जिसमें बायो मिक्सर, एलाइजर रीडर, प्लेट्लेट्स सहित सभी मशीन स्थापित हो चुकी हैं। ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट की वर्षो से जरूरत थी। इस सुविधा के होने के बाद जिले के मरीजों को प्लेटलेट्स आदि के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी।

डा. सुजीत कुमार यादव, सीएमएस, जिला अस्पताल, बलिया

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