बलिया में पहली बार यूपी बिहार की सीमा भरौली गोलंबर पर बनेगा रोटरी, एलिवेटेड रोड से जुड़ेगा

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बलिया में पहली बार यूपी बिहार की सीमा भरौली गोलंबर पर बनेगा रोटरी, एलिवेटेड रोड से जुड़ेगा

पुल व एलिवेटेड रोड की लंबाई होगी 3.3 किमी

445.32 करोड़ से बनेगा नया तीन लेन का पुल

पहले से बने नए पुल के संपर्क मार्ग की उपयोगिता होगी समाप्त

जाम की समस्या से लोगों को मिलेगी राहत

एनडी राय
बलिया। उत्तर प्रदेश और बिहार की मजबूत कनेक्टिविटी को गंगा पर भरौली बक्सर के बीच प्रस्तावित तीसरे पुल की डिजाइन में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक बार फिर बदलाव किया है। इस पुल के निर्माण के लिए तीसरी बार संशोधित अंतरराष्ट्रीय टेंडर जारी किया गया है।
पुल और जुड़े एलिवेटेड रोड की लंबाई
3.3 किलोमीटर होगी। नए पुल की अनुमानित लागत 445.32 करोड़ होगी।
एनएचएआई के नए डिजाइन के अनुसार भरौली बक्सर के बीच तीन लेन के नए पुल का निर्माण पुराना दो लेन के पुल से सटकर दक्षिण में बनेगा। इसी पुराने पुल के उत्तर में एक पुल का निर्माण हुआ जो करीब डेढ़ वर्ष पहले चालू हो चुका है। तीन लेन के नए पुल के निर्माण में उत्तर प्रदेश के भरौली छोर पर ए ग्रेड रोटरी यानि जमीन की सतह से ऊपर एक गोलंबर का निर्माण किया जाएगा। वाहन इस गोलंबर को पार करते हुए आगे जाकर जाकर उतरेंगे। इसी तरह डेढ़ वर्ष पहले चालू हुआ पुल भी बक्सर में इस रोटरी से जुड़ेगा।
एनएच की नई डिजाइन में यूपी छोर के भरौली गोलंबर के ठीक ऊपर पटना के आर ब्लॉक या जीपीओ गोलंबर की तरह ऊपर भी एक रोटरी यानि गोलंबर बनेगा। नई डिजाइन में गाजीपुर, बलिया या करीमुद्दीनपुर की ओर से आने वाले वाहन भरौली गोलंबर से पहले ही एलिवेटेड रोड पर चढ़ जाएंगे। इसके बाद भरौली में बनने वाले ऊपरी गोलंबर से होकर सीधे गंगा पुल पर पहुंच जाएंगे।
इससे भरौली गोलंबर पर जाम की समस्या खत्म होगी और आसपास के ग्रामीणों को सुविधा होगी। इस बदलाव के बाद गंगा पर बने दूसरे पुल के यूपी छोर का संपर्क मार्ग भी पूरी तरह एलिवेटेड हो जाएगा। सतह पर बने मौजूदा संपर्क मार्ग की उपयोगिता भी समाप्त हो जाएगी। तीसरे पुल का संपर्क मार्ग भी एलिवेटेड होगा, जो पहले पुल के संपर्क मार्ग के ठीक ऊपर से गुजरेगा।
उधर, बीते दिनों डीएम अंशुल अग्रवाल और सदर एसडीओ धीरेंद्र मिश्र ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक कर तीसरे पुल के कारण बक्सर गोलंबर पर संभावित यातायात व्यवस्था की चुनौतियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि तीसरे पुल के माध्यम से आने वाले वाहन बक्सर गोलंबर पर यातायात की स्थिति और जटिल कर सकते हैं। यहां प्रशासन पहले ही यूपी जाने वाले ट्रकों के कारण गंभीर चुनौती से जूझ रहा है।
प्रशासन का कहना था कि पुल से आने वाले वाहनों को एलिवेटेड रोड के जरिए सीधे अहिरौली से आगे एनएच 922 पर उतारा जाए। इस पर एनएच के अधिकारी ने कहा था कि वह अपने मुख्यालय को बक्सर में भी ए ग्रेड रोटरी बनाने का प्रस्ताव देंगे। हालांकि निकले टेंडर में यह नहीं दिखा है। इसके कारण इस टेंडर के भी एक बार फिर टलने की आशंका बढ़ गई है।

8 माह पहले पहली बार निकला था टेंडर
एनएचएआई ने बक्सर में तीन लेन के नए पुल के निर्माण के लिए इसी वर्ष मार्च महीने में पहली बार टेंडर निकाला था। तब एनएचएआई के पटना जोन की इस योजना में पटना-बक्सर एनएच 922 का बक्सर में तीन लेन के नए पुल के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दक्षिणी अंतिम छोर पर हैदरिया तक विस्तार करना भी शामिल था।
इसी बीच एनएचएआई के आजमगढ़ जोन ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से संपर्कता के साथ नए ग्रीनफील्ड हाइवे और 17 किलोमीटर लंबे भरौली स्पर (विस्तार) का निर्माण शुरू कर दिया। इसके माध्यम से बक्सर को करीमुद्दीनपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की संपर्कता अगले एक साल के अंदर मिल जाने की उम्मीद है। इस योजना ने हैदरिया स्पर की जरूरत को खत्म कर दिया। इसलिए एनचएआई ने योजना में संशोधन कर हैदरिया स्पर का विचार स्थगित करते हुए केवल तीन लेन के पुल के निर्माण के लिए दूसरी बार टेंडर निकाला।

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