बलिया बेसिक शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार, खोलेंगे राज,,,पार्ट टू

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बलिया बेसिक शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार, खोलेंगे राज,,,पार्ट टू

फर्जी नियुक्ति की जांच के लिए चार वर्ष तक जुटाए साक्ष्य

शिकायत पर पर्दा डालने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने हर हथकंडा अपनाया
एनडी राय
बलिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलेरेंस की नीति को जिले के अफसर ध्वस्त कर रहे हैं। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति की शिकायत पिछले 10 वर्षों से लगातार होने के बावजूद जांच नहीं होना इसका प्रमाण है। जबकि शिकायत करने वाले ने पहले चार वर्ष तक नियमानुसार साक्ष्य जुटाए फिर पहली बार वर्ष 2014 में तत्कालीन डीएम से शिकायत की और प्रतियां बीसए समेत उच्चाधिकारियों को दी। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग कुंडली मारे बैठा रहा। शायद विभाग का भ्र्ष्टतंत्र मोटी कमाई गंवाना नहीं चाहता। हालांकि शिकायतकर्ता ने भी हार नहीं मानी है। मंगलवार को एक बार जांच की आस में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार को शिकायती पत्र दिया।
जिले के रतसर खुर्द निवासी राम प्रकाश पांडे ने करीब 4 सालों तक जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी इकट्ठा करने के बाद पहली बार 26 मई 2014 को जिलाधिकारी /अध्यक्ष जिला शिक्षा समिति बलिया को जिले में फर्जी बीटीसी व स्थानांतरण आदेश जारी कर नौकरी करने के संबंध में शिकायती पत्र दिया। बताया कि प्राथमिक विद्यालय भटवलिया रतसर विकासखंड गड़वार पर तैनात प्रधानाध्यापिका श्रीमती मंजू देवी के नियुक्ति के संबंध में निम्नलिखित शिकायतें हैं। कुल 12 बिंदुओं का शिकायती पत्र जिलाधिकारी को दिया। 1* श्रीमती मंजू देवी वर्ष 1985 में माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से हाई स्कूल अनुक्रमांक 812153 से संस्थागत परीक्षार्थीनी के रूप में 321/600 अंक प्राप्त कर द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई।
2श्रीमती मंजू देवी वर्ष 1987 में माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से इंटरमीडिएट अनुक्रमांक 325382 से संस्थागत परीक्षार्थीनी के रूप में विवाह होने के उपरांत 270/500 अंक प्राप्त कर द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई। 3 श्रीमती मंजू देवी बीटीसी परीक्षा 1992/93 अथवा 1993/94 में सामान्य महिला वर्ग कला वर्ग से उत्तीर्ण करने के उपरोक्त सेवा में आने की योजना बनाई।
4* श्रीमती देवी व अन्य चार लोगों ने एक फर्जी स्थानांतरण आदेश कार्यालय सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के पत्रांक 177-181 दिनांक 20.08.1998 व 10-141 दिनांक 13.08.1998 तथा 3214-21 दिनांक 18.05.1998 द्वारा प्रस्तुत करते हुए कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया के पत्रांक 1206-90/ 98- 99 द्वारा जारी आदेश से अपनी तैनाती प्राथमिक विद्यालय रतसर टाउन करा ली।
5* श्रीमती मंजू देवी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया के आदेश के क्रम में 27.07.1998 को प्राथमिक विद्यालय रतसर टाउन पर उपस्थित होकर अपना योगदान प्रस्तुत किया। जिस पर तत्कालीन प्रधानाध्यापिका श्रीमती मीना देवी ने हस्ताक्षरित करते हुए योगदान आख्या सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी गड़वार को प्रेषित कर दिया।
6* उपरोक्त योगदान आख्या सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष 13.10.1998 को प्रस्तुत हुआ। जिस पर उनके द्वारा बीटीसी प्रमाण पत्र व शैक्षिक प्रमाण पत्र संलग्न करने के लिए निर्देशित करते हुए अवलोकित कर दिया।
7* सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी गड़वार के निर्देशों का पालन श्रीमती
मंजू देवी व विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से आज तक बीटीसी प्रमाण पत्र व शैक्षिक प्रमाण पत्र उनकी सेवा पुस्तिका अथवा विभाग में प्रस्तुत नहीं किया गया।
8* मेरे द्वारा 18.02.2010 को जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आपके कार्यालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर श्रीमती मंजू देवी के बीटीसी व शैक्षिक प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रति की मांग की गई।जिसको श्रीमती मंजू देवी के प्रभाव में आकर विभागीय कर्मचारी व अधिकारियों द्वारा हमें उपलब्ध नहीं कराया गया। लिहाजा बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया के समक्ष 05.05.2010 को इस बाबत प्रथम अपील प्रस्तुत की गई जो साजिशन हम प्रार्थी को किसी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।
9* हम प्रार्थी को बिंदु संख्या 8 में वांछित सूचना न प्राप्त होने पर राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश लखनऊ के यहां 17.06.2010 को द्वितीय अपील भी प्रस्तुत की गई। लेकिन श्रीमती मंजू देवी के प्रभाव में आज तक हम प्रार्थी को कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। बल्कि उनके व विभागीय अधिकारी कर्मचारियों के प्रभाव में आकर राज्य सूचना आयुक्त भी गलत ढंग से आदेश पारित करते हुए हमारे द्वितीय अपील को भी 29.11.2010 को निस्तारित कर दिया।
10* राज्य सूचना के आदेश 29.11.2010 के अवलोकन से स्पष्ट है कि हम प्रार्थी आयोग में अनुपस्थित था और आदेश की तीसरी लाइन में वादी को आयोग के समक्ष प्रतिवादी द्वारा सूचना उपलब्ध कराने की बात कही गई है। आदेश के अंत में वादी को पूर्व में दिनांक 09.12.2009 को रजिस्टर्ड डाक से सूचना उपलब्ध कराने की बात कही गई है जो सरासर गलत एवं मनगढ़ंत। क्योंकि हम प्रार्थी द्वारा प्रथम प्रार्थना पत्र ही 08.02.2010 को प्रस्तुत किया गया तथा अधीक्षक डाकघर बलिया के पत्रांक एफआरटीआई 32-11-12 दिनांक 20.10.2011 द्वारा भी स्पष्ट है कि हम प्रार्थी के नाम से 09.12.2009 से 09.12.2010 तक कोई रजिस्टर्ड पत्र नहीं आया है।
11* श्रीमती मंजू देवी के हाई स्कूल वह इंटरमीडिएट के अंकों का योग करने पर संगत शैक्षिक सत्र में संबंधित विषय की कट ऑफ मेरिट घोषित जिला प्रशिक्षण केंद्र द्वारा पूरे प्रदेश में कहीं भी 107.5 नहीं रहा है। इस प्रकार प्रथम दृश्टया ही बीटीसी प्रमाण पत्र कूट रचित एवं फर्जी साबित होता है।
12* श्रीमती मंजू देवी व विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत से जनपद में बहुत ऐसे शिक्षक फर्जी स्थानांतरण आदेश जारी कर तैनाती आदेश प्राप्त करके जनपद के अनेक प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं। जिनके संपूर्ण बीटीसी प्रमाण पत्र व शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र कूट रचित एवं फर्जी है।जिससे सरकार को भारी आर्थिक क्षति हो रही है। अतः प्रार्थना है कि उपरोक्त शिकायती प्रार्थना पत्र की बिंदुवार जांच कराकर हम प्रार्थी को भी अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान करते हुए शिकायती आवेदन पत्र का निस्तारण करने की कृपा करें तथा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक एवं वैधानिक कार्रवाई करने की कृपा करें। शिकायत कर्ता ने इसकी प्रति सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी गड़वार, बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद, शिक्षा मंत्री बेसिक शिक्षा लखनऊ, सहायक शिक्षा निदेशक मंडल आजमगढ़, शिक्षा निदेशक लखनऊ को भी भेजा। लेकिन यह शिकायती पत्र कहां है आज तक पता नहीं चला। हालांकि इसके बाद से लगातार शिकायत श्री पांडेय की ओर से अधिकारियों व उच्चाधिकारियों से की जा रही है। अब देखना है कि डीएम लक्षकार की जाल में बेसिक शिक्षा विभाग का भ्रष्टतंत्र फंसता है या नहीं।

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